Categories: शेर-ओ-शायरी
Related Articles
हिम्मत कभी ना हारना
जब पास तेरे कुछ ना हो उम्मीद किसी से कुछ ना हो अमावस की रात हो काला घाना अंधकार हो तब खुद को तू सवारना…
रुक्मणि की व्यथा
श्याम तेरी बन के मैं बड़ा पछताई न मीरा ही कहलाई न राधा सी तुझको भायी श्याम तेरी बन के मैं बड़ा पछताई न रहती…
मां ये देखो कैसा चांद निकल आया है
मां ये देखो कैसा चांद निकल आया ग्रह के गर्भ में लिपटा हैं बादलों में छुप छुप कर बैठा हैं डरा सहमा सा यह दिखता…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दिल ए अजीज
आब ए चश्म की नुमाइश ना आंखें करें मेरी एहतियात से दूर करें अख्ज की भीड़ को आफताब की किरण भी ना छू सके मुझे…
सुंदर
Thank-you
Wah
Thank-you
Nice
Thanks
Good
🙏🙏🙏
Nice
🙏🙏