Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: #shayri, ज़िन्दगी पर कविता

UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
अपहरण
” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…
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अब उठ नौजवान तुझे कुछ करना है जगमगाते दीप से सूरज की तरह चमकना है दिल जो कहे वो करना है ज़िंदा मछली की तरह…
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………………….…Few lines on life …………………..…… Kabhi gam to kabhi khushiyon ki saugat hai zindagi. Kabhi dhoop to kabhi chhaon mein tahalatee ek aash hai zindagi…
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