कलाई पर मौली और माथे पर रोली लगाया करती हैं
कलाई पर मौली और माथे पर रोली लगाया करती हैं,
बहनें छोटी हैं मेरी मगर बातें बड़ी ही बनाया करती हैं,
चुप रहती हैं कभी मुख से कुछ भी माँगा नहीं करती हैं,
के बांधकर राखी हर बार वो मेरी आयु बढ़ाया करती हैं।।
राही (अंजाना)
वाह बहुत सुंदर रचना