कल किसने देखा कल आये या ना आये

कल किसने देखा कल आये या ना आये
आज की तू परवाह कर ले कही यह भी चला ना जाये
देख परायी चुपड़ी तेरा मन क्यों ललचा जाय
पास तेरे जो है तू उससे मन को समजाये
रुखा सूखा जो कुछ है कही वह भी छूट ना जाए
कल किसने देखा कल आये या ना आये

आज तेरा है जो वह कल था और किसी का
आने वाले कल मैं वह होगा और किसी का
फिर उस जगह पर अपना हक़ क्यों जताये
कल किसने देखा कल आये या ना आये

करम किये जो तूने उसका फल भी यही मिलेगा
आज नहीं तो कल सब कुछ यही मिलेगा
बोया पेड़ बबूल का तो आम कहा से खाये
कल किसने देखा कल आये या ना आये

जैसी करनी वैसी भरनी रीति तो है यह पुरानी
अंत समय सब याद करते अपनी भूली कहानी
गुजर गया जो वक़्त अब लौट कभी ना आये

कल किसने देखा कल आये या ना आये
आज की तू परवाह कर ले कही वह भी चला जाए

पंकज प्रिंस

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close