Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
मैं बस्तर हूँ
दुनियाँ का कोई कानून चलता नहीं। रौशनी का दिया कोई जलता नहीं। कोशिशें अमन की दफन हो गयी हर मुद्दे पे बंदूक चलन हो गयी॥…
वंदेमातरम् गाता हूँ
नारों में गाते रहने से कोई राष्ट्रवादी नहीं बन सकता। आजादी आजादी चिल्लाने से कोई गांधी नहीं बन सकता। भगत सिंह बनना है तो तुमको…
माँ का दूध या सतनो का जोड़ा
************माँ का दूध या सतनो का जोड़ा ,किस नजर से देखे दुनिया सारी ********************** हमेशा देखा है राह चलते लोग रिश्तेदार यहां तक की अपने…
भोजपुरी होली 13 -करे ले ठिठोली रे कान्हा |
भोजपुरी होली 13 -करे ले ठिठोली रे कान्हा | करेले ठीठोली रे कान्हा कदमिया पर चढ़ी के | रंगवा नहवावे रे सखिया गगरिया मे भरी…
सुंदर
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वाह क्या बात है
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