……किसी से कम है?
मेरे देश की मिट्टी किसी सोने से कम नहीं।
खेतो में लगी फसल किसी हीरे मोती से कम नहीं।।
यही धरती की गोद में खेले पले हुए हम जवां।
हिमालय से निकली गंगा किसी अमृत धारा से कम नहीं।।
हमारे देश पे बुरी नजर रखने वाले जरा सुन तो ले।
शहीदों के लहू से रंगी यह धरती किसी चंदन से कम नहीं।।
Nice poetry
Thanks
Very nice
Shukriya
Nice
Thanks
वेलकम
वाह बहुत सुंदर
So much
Waah
Thanks
Nyc
Thanks