किस्मत वाली अम्मा
एक गांव में किस्मतवाली
बूढ़ी अम्मा रहती है,
चार हैं बेटे चार बहू हैं,
फिर भी भूखी रहती है।
अलगौझे में नहीं बंटा जो
एक वही सामान थी
क्योंकि किसी चाह नहीं थी
बूढ़ी मां के छांव की।
चारों बेटों को चिन्ता थी
अपनी अपनी सुविधा की,
बुढ़िया की अच्छी सलाह भी
लगती थी कांव कांव सी।
कभी किसी के साथ रही
फिर कभी किसी साथ रही
चारों के घर खपी नहीं वह
लौटी उल्टे पांव थी।
अब उसका भी चूल्हा चौका
अलग कर दिया बेटों ने
कभी खा रही कभी रो रही
वह अम्मा है गांव की।
अब पूछो भी तो क्यों कहते हैं
उसको किस्मतवाली अम्मा,
क्योंकि चार बेटों की माँ है
चार बहू दस नाती हैं।
—– डॉ0 सतीश पाण्डेय
कुछ सुधार के साथ
लगातार अपडेट रहने के लिए सावन से फ़ेसबुक, ट्विटर, इन्स्टाग्राम, पिन्टरेस्ट पर जुड़े|
यदि आपको सावन पर किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो हमें हमारे फ़ेसबुक पेज पर सूचित करें|
Indu Pandey - July 28, 2020, 6:59 pm
Bahut hi Sundar
Satish Pandey - July 28, 2020, 7:15 pm
Thank You
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - July 28, 2020, 9:10 pm
वाह
Satish Pandey - July 28, 2020, 9:44 pm
Dhanyvad ji
Abhishek kumar - July 30, 2020, 8:19 pm
सुन्दर भाषा प्रयोग
Geeta kumari - August 2, 2020, 8:17 am
दर- दर भटक रही थी,
उसे दर नहीं मिला।
चार बेटों की मां को,
रहने को घर नहीं मिला।
Geeta kumari - August 2, 2020, 8:24 am
हृदय स्पर्शी पंक्तियां