Categories: शेर-ओ-शायरी
Tags: kavita, poetry with panna
Panna
Panna.....Ek Khayal...Pathraya Sa!
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
लिख कवि लिख
लिख कवि लिख कवि लिख भावनाओं में बहकर लिख खुशीयों में फूदक कर लिख दर्द आह महसूस कर लिख तन्हाई को साथी बनाकर लिख लिख…
लौट आओ अपने खेतों पर
लौट आओ अपने खेतों पर अब हरित क्रान्ति लिख देंगे। उजाड़ गौशाला को सजाकर अब श्वेत क्रान्ति लिख देंगे। फिर से नाम किसानों का लाल…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
वह रहने वाली महलों में, मैं लड़का फुटपाथ का ।
वह रहने वाली महलों में, मैं लड़का फुटपाथ का । उसकी हर एक अदा पे मरना यही मेरा जज्बात था । वह रखने वाली टच…
waahhh ,.. gr8..
thanks dost
Waah
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Very nice