कॉलेज का पहला दिन(भाग-2)

…नंबर अच्छे आये।) अब आगे…
एक दिन मैने उससे पूँछा कोई ज़िंदगी में है तुम्हारी?
उसने कहा नहीं । मुझे पता था की वो किससे प्यार करता है ।वो मेरा बहुत अच्छा दोस्त बन गया । हम दोनों सब कुछ शेयर कर लेते थे । एक दिन उसकी गर्लफ्रेंड ने कहा-मुझसे बात ना किया करे ।मैने भी कहा जब उसे बुरा लगता है है तो मुझसे बात ना किया करो। पर उसने कहा मैं सबको छोड़ सकता हूँ पर तुमको नहीं ।मैने पूछा ऐसा क्या है?उसने कहा-तुम बाकी लडकियों जैसी नहीं हो।तुम्हारा स्वभाव बहुत अच्छा है और चरित्र भी।तुम्हारी पूजा करने का मन करता है ।तुम मेरी बेस्ट फ्रेंड हो और हमेशा रहोगी। एक दिन किसी की बुरी नज़र हमारी दोस्ती को लग गई । हमारी दोस्ती को कलंकित किया गया ।और कुछ छोटी सोंच वालों ने उंगली भी उठाई । मैने उन लोगों को बहुत समझाया । और पवित्रता भी साबित की ।मगर कोई फायदा नहीं हुआ । मैने ये सब अपने दोस्त को बताया ।उसने कहा-ये सब चलता है तुम चिंतित ना हो,लोगों ने तो सीता को भी नहीं छोड़ा था फिर तुम क्या हो? ऐसे लोगों से मतलब ही ना रखो जो तुम्हें समझते नहीं।मैने कहा-मैं उन लोगों को नहीं छोड़ सकती वो लोग मेरे जीने का जरिया हैं ।और उनके कहने पर मैं आज अपनी पवित्र दोस्ती को खत्म कर रही हूँ, हो सके तो मुझे माफ कर देना।शायद तुम भी यही करते अगर तुम्हें मुझमें और अपने प्यार में से किसी एक को चुनना होता । वो सन्न रह गया उसने कहा-जो तुम्हें उचित लगे,पर तुम्हारे जैसी दोस्त मिलेगी नहीं ।हमनें रजामन्दी से एक-दूसरे को अलविदा कहा । ना जाने क्यूँ हम दोनों की आखें नम थीं।फिर हमारी मुलाकात और बात नहीं हुई।

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close