कोरोना काल

कभी कहते थे जरा धीरे चल
कभी कहते थे जरा सम्भल कर चल
जनाब अब मौका यह है कि
सब कहते है जरा चल तो सही
इतनी थमी भी तो ठीक नहीं
थोड़ा संतुलन बना कर चल
यह प्रकृति हमें सिखा रही
जिंदगी में समता का पाठ पढ़ा रही।

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