“ख्वाहिशें”

ღღ_अजब ही चीज़ हैं, ये ख्वाहिशें “साहब”,
मैं टूट भी जाऊँ, तो बिखरने नहीं देती;
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एक तुम हो, कि मुझसे दूर ही रहते हो,
और एक ये हैं, कि मरने भी नहीं देतीं !!……‪#‎अक्स

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