‘गांधी’ एक विचारधारा
गांधी जी पर कविता तो हर कोई रचते हैं।
आओ बापू के विचारों पर चर्चा करते हैं।
बापू ने कहा था बुरा मत देखो।
मैं मुँह फेर लेता हूँ,
देख कमजोरों पर अत्याचार होते।
मैं आँखें फेर लेता हूँ,
देख शोषण और भ्रष्टाचार होते।
मुझे वो कागज का टुकड़ा भाता है।
जिस पर छपा बापू मुस्कुराता है।
बुरा तो मैं देखता ही नहीं,
मुझे बस हरा ही हरा नजर आता है।
बुरा कर, ईश्वर से हम क्यों नहीं डरते हैं।
आओ बापू के विचारों पर चर्चा करते हैं।
बापू ने कहा था बुरा मत सुनो।
मैं कान बंद कर लेता हूँ,
करुण चीख पुकार सुनकर।
कानों में हाथ रख लेता हूँ,
सहायता की चीत्कार सुनकर।
मदद की गुहार मेरे कानों में चुभता है।
बेमतलब की बातें कौन यहाँ सुनता है।
बुरा तो मैं सुनता ही नहीं,
चापलूसी कानों में शहद बन घुलता है।
हृदय किसी का दुखाकर हम कैसे हँसते हैं।
आओ बापू के विचारों पर चर्चा करते हैं।
बापू ने कहा था बुरा मत बोलो।
मैं मुँह बंद कर लेता हूँ,
जहाँ सच बोलने की आवश्यकता हो।
मैं होंठ सील लेता हूँ,
फिर भले ही निर्दोष क्यों न मरता हो।
झूठों का बोल बाला है।
सत्य कहाँ बचने वाला है।
बुरा तो मैं बोलता ही नहीं,
पैसों ने मुँह बंद कर डाला है।
क्यों भूल जाते हम, सत्य कहाँ मरते हैं।
आओ बापू के विचारों पर चर्चा करते हैं।
बापू को न केवल,
तस्वीरों, मूर्तियों में जगह दो।
उन्हें दिल में उतारो,
आदर्शों का अलख जगा दो।
सत्य और अहिंसा ही,
आत्मा को परमात्मा बनाता है।
गांधी जी के विचार ही,
गांधी को महात्मा बनाता है।
मजहब के नाम पर, हम क्यों लड़ते हैं।
सत्य, अहिंसा का पाठ क्यों नहीं पढ़ते हैं।
गांधी जी पर कविता तो हर कोई रचते हैं।
आओ बापू के विचारों पर चर्चा करते हैं।
देवेश साखरे ‘देव’
Sundar rachna
धन्यवाद
वाह
शुक्रिया
बापू महान
धन्यवाद
Sunder rachna
धन्यवाद
बढ़िया
धन्यवाद
Adhbhut
सहृदय आभार
Nice
Thank you
वाह बहुत सुंदर
आभार आपका
गांधी जी के तीन बंदरों द्वारा वर्तमान स्थिति का सुंदर चित्रण
शुक्रिया
nice
Thanks
very good
बहुत सुंदर
बहतरीन
100lid