गुरु महिमा

फूंक देते प्राण मनुज में वो गुरुदेव  कहाते है,

जीवात्मा की परमात्मा से वो ही मिलन कराते है.

मोक्ष प्राप्ति का मार्ग बताकर करते है उद्धार गुरु,

निज शिष्यों को ईश्वर से बढ़कर करते है प्यार गुरु.

कभी कभी निज उपदेशो से मानव का कल्याण करें,

कभी धर्म की शिक्षा देकर मनुज जन्म साकार करें.

अहंकार से मुक्त कराकर माया मोह से दूर भगाकर,

परमानन्द की प्राप्ति कराकर, करते है कल्याण गुरु.

गुरुदेव निज चरणो में प्रणाम मेरा स्वीकार करें ,

अंतर्मन में ज्योति ज्ञान की प्रज़्वलित कर उद्धार करें.

सफल हो गया जीवन मेरा ,पाया जो गुरु का आधार ,

गुरु के इस उपकार कर्म का व्यक्त कर रहा मैं आभार..

…atr

written in 2010

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