Categories: शेर-ओ-शायरी
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
मैं बस्तर हूँ
दुनियाँ का कोई कानून चलता नहीं। रौशनी का दिया कोई जलता नहीं। कोशिशें अमन की दफन हो गयी हर मुद्दे पे बंदूक चलन हो गयी॥…
यूं ही चलते चलते
निगाहों के पैमाने से शख्शियत भांप लेते है, राह चलते ही बुलंदियों के कद मांप लेते हैं।। जलने वालों का कुछ हो नहीं सकता, वो…
यूं ही चलते चलते
निगाहों के पैमाने से शख्शियत भांप लेते है, राह चलते ही बुलंदियों के कद मांप लेते हैं।। जलने वालों का कुछ हो नहीं सकता, वो…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
Nice
धन्यवाद
Good
Thank you
वाह
धन्यवाद
Good
Thanks
Welcome