Categories: शेर-ओ-शायरी

पंकजोम " प्रेम "
तराश लेता हूँ सामने वाले की फितरत ......
बस एक ही नज़र में .....
जब कलम लिख देती है , हाल - ए - दिल ....
तो कोई फ़र्क नहीं रहता .....
जिंदगी और इस सुख़न - वर में....
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
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bahut khoob pankaj ji
Bhut khoob pnna ji….
बहुत दिनों बाद फ़लक रोशनी में नहाया है
उनके आने से फ़लक में चाँद आया है…
Kya alfaaz h…….vry nice
hw romantic……nice!!
Sukkriyaaa bro…
nice one pankaj 🙂
Sukkriyaaa ji….
वाह वाह
वाह क्या बात है शानदार