जय शिवशंकर गौरीशंकर
जय शिवशंकर गौरीशंकर
पार्वतीशिव हरे-हरे (2)
रामसखा प्रभु राम के स्वामी,
विष्णुवल्लभ भोलेनाथ ।
जय शिवशंकर गौरीशंकर,
पार्वतीशिव हरे-हरे (2) ।।1।।
कैलाशपति प्रभु औढ़रदानी,
नीलकंठ तुम सर्व दुखभंजन ।
दाता तुम्हीं हो तुम्ही विधाता,
तुम से ही जग सब सुख पाता ..
जय शिवशंकर गौरीशंकर,
पार्वतीशिव हरे-हरे(2) ।।2।।
श्रद्धाविश्वास के युगल रूप हो,
भवानीशंकर हृदय बसो अब,
राम की भक्ति तुमसे ही मिलती,
राम के स्वामी कृपा करो अब ।
जय शिवशंकर गौरीशंकर,
पार्वतीशिव हरे-हरे(2)।।3।।
कवि विकास कुमार
बहुत खूब
बहुत सुंदर कविता, जय शिवशंकर गौरीशंकर
सुन्दर रचना
जय भोले शंकर
जय हो भोलेनाथ की