ज्ञान

गुरु न होता ,तो ज्ञान न होता
उचित अनुचित का, भान न होता

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

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जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

गुरु-पर्व

संवत् 1526 29 नवंबर 1469 कार्तिक पूर्णिमा के दिन, पंजाब के तलवंडी गांव में गुरु नानक जी ने जन्म लिया जाना गया ये नाम ननकाना…

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