तुम्हारी एक हंसी

तुम्हारी एक हंसी
सारे गम भुलाती है,
इस तरह हँसते रहो
और खिलखिलाते रहो।
गीत खुशियों के गुनगुनाते रहो
जिंदगी को हंसीं बनाते रहो।
बात ही बात में ढूँढो खुशियां,
पलों को भोग, मुस्कुराते रहो।

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Responses

  1. बहुत खूब कहा सर।
    किसी ख़ास हंसी बहुत बङी मुश्किलो से लङने की हिम्मत प्रदान करता है

  2. रुक जाए होठों पर हंसी तो,
    गम का पता चलता है|
    बना रहे यदि गम सदा,
    अपनों का भी पता चलता है|

    कौन था अपना जो पराया बन गया,
    जिस पर थी नजर वह किनारा कर गया,
    मेरे गमों को हरने के लिए-
    मेरी बूढ़ी मां के संग मेरा पूरा परिवार आ गया|

    बहुत अच्छी आपकी कविता आपकी लेखनी को सलाम

  3. अपनों की हंसी से ही खुश है जग सारा।
    अपनों की खुशियों में ही संतोष छिपा है हमारा।
    वाह, सर जीवन की सच्चाइयों का बहुत खूबसूरती चित्रण।

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