तुम्हें क्या पता

तुम्हें क्या पता के हमें
छोड़ कर तुमने क्या खोया है
कोहिनूर को शीशा समझ कर
तुमने हीरा खोया है।
सिर्फ़ उसे पाने की खातिर
जो चन्द दिनों के लिए
तेरा है।

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