Categories: मुक्तक
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चाहती हूँ मैं
दौङना चाहती हूँ मैं, क्या मुझे वो राहें दोगे? दुनिया को देखना चाहती हूँ मैं, क्या मुझे वो नज़रें दोगे? अपने दिन और रातों को…
हंसाकर कहीं तुम रुला तो न दोगे
हंसाकर कहीं तुम रुला तो न दोगे, कोई जख़्म फिर से नया तो न दोगे। हसीं वादियों के सपने दिखाकर, कहीं यार तुम भी दग़ा…
O nil gagan ke saudagar
ओ नील गगन के सौदागर,, हवा में उड़ना तेरी फितरत है, मुझे भी अपनी पंख दे दे पंछी , मैं भी ऊरु उस नील गगन…
चांद तारों की शरारत
हर तरफ ही इश्क़ की कलियाँ खिला दी जायेगी | चाँद तारो की शरारत कुछ मिटा दी जायेगी | तुम कहो , तो चाँद –…
देखना उनकी नियत भी बे-असर हो जायेगी
देखना उनकी नियत भी बे-असर हो जायेगी, चालबाज़ी जब हमारी कारगर हो जायेगी. देखना है खेल मुझे साफ़ पौशाको का उस दिन, भोली जनता जब…
Nice Nice
धन्यवाद आपका
Good
Thank you
Welcome
bahut khoob
धन्यवाद
वाह
शुक्रिया
आपका धन्यवाद