थल सेना दिवस पर देशक सिपाही केर सम्मान में मिथिला केर भाव
हमर देशक सिपाही हमर शान छै।
देशक रक्षा में जिनकर प्राण छै।।
नञ भोजन केॅ कोनो फिकीर छै।
नञ छाजन केॅ कोनो फिकीर छै।।
जाड़ गरमी तऽ एकहि समान छै।
हमर देशक सिपाही हमर शान छै।। देशक रक्षा में….
छोड़ि जीवन केॅ आस
मोन में भरल हुलास
छोड़ि चिल्ला केॅ मोह
नञ तिरिया बिछोह
देशक रक्षा में तन मन प्राण छै।
हमर देशक सिपाही हमर शान छै।। देशक रक्षा में….
कहियो असमिया पहाड़ी
कहियो चंबल केॅ झाड़ी
कहियो समुद्रक किछार
कहियो नौका सवार
सब थानहि में ड्यूटी समान छै।
देशक रक्षा में तन मन प्राण छै।। देशक रक्षा में…
हिनकर बलिदानक नञ कोनो मोल छै।
देशभक्ति केर भाव अनमोल छै।।
ई भावे ‘विनयचंद ‘ करथि सम्मान छै।
देशक रक्षा में तन मन प्राण छै।। देशक रक्षा में….
थल सेना स्थापना दिवस पर कवि विनय चंद जी द्वारा प्रस्तुत देश प्रेम से भरपूर बहुत सुंदर मैथिली कविता
“देशक रक्षा में तन मन प्राण छै
हिनकर बलिदानक नञ कोनो मोल छै।”
शुक्रिया बहिन
जय जवान जय हिन्दुस्तान
सादर नम
धन्यवाद
जय हिंद, सुन्दर अभिव्यक्ति
धन्यवाद
Jai Bharat
धन्यवाद