Categories: शेर-ओ-शायरी
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नयन अश्कों से भिगोता रहा हूं मैं जिन्दगी भर
नयन अश्कों से भिगोता रहा हूं मैं जिन्दगी भर । गजल उनको ही सुनाता रहा हूं मैं जिन्दगी भर । दरख्ते उम्मीद अब है कहां…
विश्वास का आगाज़
कुछ लोग हमारी संस्कृति को पिछड़ेपन का नाम देते हैं। हंस के पश्चिमी संस्कृति की उतरन थाम लेते हैं ।। घर हो या सङक शालीनता…
बहुत परेशान करती है तन्हा रातें हमकों।
बहुत परेशान करती है तन्हा रातें हमकों। मुसल्सल याद आती है मुलाकातें हमको।। , ऐसे क्यूँ ख़फ़ा हो गए बिना सबब के तुम। क़ोई वजह…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
खता
लम्हों ने खता की है सजा हमको मिल रही है ये मौसम की बेरुखी है खिजां हमको मिल रही है सोचा था लौटकर फिर ना…
Nice
Thanks
Good
धन्यवाद
Wah
बहुत-बहुत धन्यवाद
Wah
Waah