दिल की आवाज किसी कोने में दफ़न हो गयी

मेरी कहानी अनकही ही रह गयी
सितारों के उजालों में अंधेरे सी दब गयी
दुनिया ने मेरी सिर्फ़ सूरत ही देखी
दिल की आवाज किसी कोने में दफ़न हो गयी

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जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

  1. दिल की आवाज़ किसी कोने में दफन हो गयी….
    सैलाब ऐसा आया रंज का…..
    की
    अधूरी ख्वाईशें ही मेरे लिए कफ़न हो गयी….
    मैं चला एक कदम ख़ुद को सभालने …
    फूलों की राह में भी नसीब चुभन हो गयी…..

    पंकजोम \” प्रेम \”

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