Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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anupriya sharma
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achi kavita..anupriya ji
thanks mohit ji
Nice poetry
दिल की आवाज़ किसी कोने में दफन हो गयी….
सैलाब ऐसा आया रंज का…..
की
अधूरी ख्वाईशें ही मेरे लिए कफ़न हो गयी….
मैं चला एक कदम ख़ुद को सभालने …
फूलों की राह में भी नसीब चुभन हो गयी…..
पंकजोम \” प्रेम \”
बेहद ही खूबसूरत कविता
Dil ke usi kone m jhaankar dekho,
Wo awaazein fir se sunai dengi..
Surat to aiyene m bhi dekha krte hain,
Par kahani timitimate sitaron ki tarah,
Yun hi baya ho jati hai.. 🙂
jindagi ke saath…aawaz bhi kahin gum ho gayi he
वाह बहुत सुंदर
Bahut khoob