दोस्त होते हैं फ़रिश्ते
दोस्त होते हैं वो फ़रिश्ते ,
मदद कर जाते हैं हंसते-हंसते
टूट जाएं जब पंख उत्साह के,
दौड़ कर आते हैं, दोस्त की इक आह पे
पंख अपने दे कर फिर बताएं,
भर ले उड़ान जितनी तू चाहे ।
********✍️गीता********
दोस्ती के बारे में सकारात्मक सोंच
धन्यवाद प्रज्ञा…बिल्कुल सही कहा ।
बहुत खूब, बहुत बढ़िया
बहुत बहुत धन्यवाद सर 🙏
बहुत खूबसूरत रचना। दोस्ती का महत्व औऱ दोस्ती के विश्वास को प्रतिपादित करती बहुत सुंदर रचना। यह प्रखरता बनी रहे।
सटीक समीक्षा हेतु बहुत बहुत धन्यवाद सतीश जी । अच्छे फ्रेंड्स ऐसे ही होते हैं। बहुत बहुत आभार सर ।
Very very nice poem
Thanks allot chandra ji 🙏
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद पीयूष जी 🙏
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद सर 🙏
अतिसुंदर रचना
सादर धन्यवाद भाई जी 🙏
बहुत खूब
बहुत सारा धन्यवाद है कमला जी 🙏 नमस्कार ।
बिलकुल सही कहा
धन्यवाद जी
Bahut khoob, bahut khoob
बहुत बहुत शुक्रिया ईशा जी
बहुत सुंदर पंक्तियां
धन्यवाद प्रतिमा जी
बहुत खूब
धन्यवाद इन्दु जी 🙏