नमन करो उन वीरों को
शहीदों को नमन
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नमन करो उन वीरों को
जिनसे से यह देश हमारा है
उनके साहस के दम पर
महफूज घरों में रहते हैं ।
उन वीरों के दम से अपनी
होली और दिवाली है
मावस की काली रातें
उनके दम से उजियाली हैं
उनको अपनी मातृभूमियह प्राणों से भी प्यारी है
सीमाओं पर बनकर प्रहरी
शेर शूरमा तने हुए ।
राष्ट्र प्रेम की खातिर अपना
वो सर्वस्व लुटाते हैं
मातृभूमि की रक्षा हेतू
अपनी जान गंवाते हैं
तन मन धन से सैनिक अपना पूरा फर्ज निभाते हैं
उनकी घोर गर्जना से दुश्मन भी थर्रा जाते है
उन वीरों की विधवाएँ
चुप चुप रह कर सब
सहती हैं
श्रृंगार शहीद हुआ उनका
बिन चूड़ी कँगन रहती हैं
गोदी के बच्चों को चिता में
अग्नि देनी पड़ती है
दरवाजे पर बैठी माता उनकी राहें तकती है
थाल सजाकर बहना राखी
पर छुप छुप कर रोती है
कितना भी कह लूँ यह
गाथा खत्म न होने वाली है
मातृभूमि के काम ना आये
वो बेकार जवानी है
आओ मिल कर नमन करें
उन माँ के राज दुलारों को
राष्ट्र प्रेम के लिए प्राण देने
वाले उन वीरों को ।।
जय हिंद जय भारत
– कमलेश कौशिक
nice
Hardik abhinandan
जय हिंद