नाज़ हमें
धराशाई हो जब गिरा, वो धरा पर।
जां न्यौछावर कर गया वसुंधरा पर।
तेरी शहादत से महफूज़ मूल्क मेरा,
नाज़ हमें तेरे लहू के हर कतरा पर।
बात जब भी हिफाज़ते-वतन की हो,
टूट पड़ता है जवान, हर खतरा पर।
अकेला घिरा, वो दुश्मनों पर भारी है,
ना खौफ, ना शिकन उसके जरा पर।
पीछे हटना तो हमारे खून में ही नहीं,
लहू की आखरी बूंद तक वो लड़ा पर।
गाड़ ध्वज तिरंगा, शत्रुओं के वक्ष पर,
सर ऊँचा किया, वो खुद गिरा धरा पर।
देवेश साखरे ‘देव’
जय जवान
जय हिन्दुस्तान
धन्यवाद
Nice
धन्यवाद
Jai jawan
धन्यवाद
good
Thanks
Good
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जय हो
धन्यवाद
कैसे पुरस्कार मिलता है बताये