नारी होना अभिशाप नहीं…।

नारी हूँ मैं
मुझे इस बात का गर्व है…
नारी का जीवन
बसंत का पर्व है…
अपने सुगंधित पुष्पों से
नारी महकाती है घर-गगन
हरियाली खुशियों की
फैलाकर….
नित्य पल्लवित करती है सुमन…
नहीं है पतझड़- सी अभागन
भर देती है खुशियों से आंगन…
सब को खुश रखने में ही
लगी रहती है…
अपने सपनें भूल कर
दूसरों के सपनों को
पूरा करने की कोशिश करती है..
इसीलिए नारी होने पर
मुझे फक्र है
नारी के आगे तो
नतमस्तक कालचक्र है…
नारी होना अभिशाप नहीं
ईश्वर का आशीर्वाद है…।।

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Responses

  1. 👌बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
    सच में ही नारी ईश्वर का वरदान होती है
    मेरे विचारों में नारी पुरुष से ज्यादा श्रेष्ठ है ,क्योंकि पुरुष को जन्म देने वाली देवी मां नारी ही होती है

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