पति और पत्नी
थोड़ी सी दिल्लगी,
थोड़ा सा प्यार।
थोड़ा सा गुस्सा,
ज्यादा ऐतबार।
ताज़गी, समर्पण
आकर्षण हथियार।
एक दूजे को बांधे रहे,
गलबहियों के हार।
रूठना,मनाना
इनसे जीवन खुशगवार।
नीरसता कर देती,
जीवन बेकार।
एक दूसरे के कहे बिना
समझना
यही है प्यार
जो जान ना सके दिल की बात
तो ऐसा रिश्ता है बेकार।
कुछ वो कहे,कुछ हम सुने,
कुछ हम कहें, कुछ वो सुने।
तब ही सफल होती है
गठबंधन सरकार।
तुम महाराज और हम महारानी,
खट्टी ,मिट्ठी सी कुछ अपनी कहानी।
निमिषा सिंघल
Correct
❤️❤️❤️❤️
यथार्थ
🙏🏼🙏🏼
Yes👍
❤️❤️
अति सुन्दर सृजन।
Dhanyavad
Nice