Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: शायरी

UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
बा-अदब बे-हिसाब हूँ पीता
बा-अदब बे-हिसाब हूँ पीता फिर पूछते हो क्यों हूँ पीता नशा तेरे इश्क का है इतना सख्त तोड़ने को उसका सरुर मैं हूँ पीता …
मेरे साकी
तुम्हारी चाह ही मंज़िल हमारी ए मेरे साकी,ज़रा अब तो पिला दे न , तमन्ना अब भी है बाक़ी.मेरे साकी तेरे आँखों की मदिरा क्या…
प्रार्थना
घऽरे में रहबय कतेक दिन पिया ई कोरोना कें डऽर सॅ। बाल बच्चा सुरक्षित रहथि सदा तेॅ न निकसब घऽर सॅ।। भुक्खल नेना भुक्खल हमसब…
अपहरण
” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…
वाह
बहुत सुन्दर