फिरास़त
ये तो फिरास़त है मेरी जो विरासत ए इश्क कर दी है तेरे नाम,
वरना जाबिरों को काबिल ए वफा समझता ही कौन है ,
ये तो फिरास़त है मेरी जो विरासत ए इश्क कर दी है तेरे नाम,
वरना जाबिरों को काबिल ए वफा समझता ही कौन है ,
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simply lajwab bhai !!
Dhanyabad bhaiya
laazbaab 🙂
Dhanyabad
वाह
Good
Nice one