फिर बैशाखी आई

फिर बैसाखी आई है
देखो आज पंजाब में।
दर्द पुराना जाग गया है
उन सूखे हुए घाव में।।
क्रूर फिरंगी ने हम पर
कितना जुल्म किया था।
जालियावाला बाग में वीरों
जन समूह भून दिया था।।
‘विनयचंद ‘निज पुरखों की
कुर्बानी को रखना याद।
वो थे तो हम सब हैं
और अपना भारत है आजाद।।

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