बागी
अपनी ही आजादी के आदी बन गए
जाने हम क्यों बागी बन गए
बेबसी की रस्सी पर लटक कर
कई ख्वाब मेरे खुदकुशी कर गए.
धकेलो कितनी भी जोर से मुझे
संभलना सीख गई हूं मैं
मुझे जलाना मुश्किल होगा
कागज की तरह भीग गई हूं मैं.
ऐ खुदगर्ज जमाने जो तुम मेरा दिल ना दुखाते
तो मेरे शब्द यूं शोले ना बरसाते
उडूं मै आसमान में या तेरुं बहती नदी में
मिले हो तुम हमेशा मेरी राह में जाल बिछाते.
कलम की नोक को सूई की तरह चुभाया
दुश्मनों के साथ-साथ अपनों को भी रुलाया
जान लो यारो मैं तो हूं बागी
जो रिश्ते निभाने के लिए भी ना होते राजी.
सब सूखा बंजर सा दिखता मुझे
चाहे कितनी भी हरी-भरी हो वादी
जो ना किसी से सहमत हो
वो मैं ही हूँ एक बागी.
✍️✍️✍️✍️नीतू कंडेरा ✍️✍️✍️✍️✍️
लगातार अपडेट रहने के लिए सावन से फ़ेसबुक, ट्विटर, इन्स्टाग्राम, पिन्टरेस्ट पर जुड़े|
यदि आपको सावन पर किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो हमें हमारे फ़ेसबुक पेज पर सूचित करें|
Poonam singh - November 14, 2019, 5:51 pm
Bahut sundar
nitu kandera - November 14, 2019, 10:51 pm
धन्यवाद
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - November 14, 2019, 5:51 pm
मार्मिक प्रस्तुति
सुंदर
काबिल -ए-तारीफ़
nitu kandera - November 14, 2019, 10:52 pm
धन्यवाद. समझने के लिए
देवेश साखरे 'देव' - November 14, 2019, 6:17 pm
Sundar rachana
nitu kandera - November 14, 2019, 10:52 pm
आभार
Charusheel Mane @ Charushil @ Charagar - November 14, 2019, 6:59 pm
Wow
nitu kandera - November 14, 2019, 10:54 pm
थैंक्स
राम नरेशपुरवाला - November 14, 2019, 7:21 pm
Bold
nitu kandera - November 14, 2019, 10:53 pm
धन्यवाद
nitu kandera - November 14, 2019, 10:53 pm
थैंक्स
Sudesh Ronjhwal - November 15, 2019, 8:46 pm
good
nitu kandera - November 16, 2019, 7:49 am
धन्यवाद
Ashmita Sinha - November 16, 2019, 12:16 am
Nice
nitu kandera - November 16, 2019, 7:49 am
धन्यवाद
राही अंजाना - November 24, 2019, 7:37 pm
धन्यवाद
NIMISHA SINGHAL - November 16, 2019, 12:53 am
Wah
nitu kandera - November 16, 2019, 7:50 am
धन्यवाद
Abhishek kumar - November 23, 2019, 10:36 pm
जय हो
राही अंजाना - November 24, 2019, 7:37 pm
धन्यवाद
Pragya Shukla - December 10, 2019, 11:00 am
👏👏