दिल की आरजू
तुमने मेरे दिल में दर्द ऐसा भर दिया कि मैंने खुद के ही दिल का कत्ल कर दिया. पहले दिल में मेरी सांसों को थाम…
तुमने मेरे दिल में दर्द ऐसा भर दिया कि मैंने खुद के ही दिल का कत्ल कर दिया. पहले दिल में मेरी सांसों को थाम…
जिंदगी की ताजगी अब महसूस करता हूं सिर्फ ख्वाबों में सूख गए वो गुलाब जो छुपा कर रखे थे किताबों में.
कभी तेरे प्यार का लावा था रगों में जिसमे कई हसरतें जलकर मर गई आज उस लावे के साथ-साथ माशूका की नजरें भी सर्द पड़…
तुम सरेआम कहती हो मैं बुरा मेरा दिल बुरा क्या वह वक्त भी बुरा जो तुम्हारा मेरे दिल में गुजरा.
जिस जिंदगी में तुम साथ हो उसी जिंदगी में मुझे बार-बार है जन्म लेना सकून मुझे मिल जाए तब जन्नत का खुदा वो जिंदगी मुझे…
काश में समंदर की गहराई में आराम से पड़ी होती तुम होते कान्हा मेरे चमकते मोती और मैं तुम्हारी राधा सीप होती.
चकाचौंध वाली जिंदगी पा ली मैंने अब ना करना पड़ता भूखे पेट बसर पर जो खुली आंखों से देखा था सपना तयना कर पाया उसकी…
बुलाती रही तुम्हें पर गौर न किया मेरी आवाजों पर खुशनसीबी है मेरी ए जिंदगी जो तेरी निगाह पड़ी मेरे अल्फाजों पर कहा जिंदगी से…
पत्थर से बन कर रह गई जख्मों को सहकर भी रोई नहीं तुमने ही दिल कहीं और लगा लिया वरना तुमसे अजीज तो आज भी…
तुमने बसा ली अपनी दुनिया मुझे तो किसी छत का भी सहारा नहीं चाह कर भी मैं तुम्हारा हाल ना पूछ सकू कहीं कह दो…
मेरे दिल का हाल बुरा है इसका इल्जाम तुम पर लगाती हूं पिया ना यकीन तो हो चलो मेरी बढ़ती धड़कन तुम्हें सुनाती हूं
दुनिया चाहे लाख खूबसूरत है सिंगार चाहे खूब करें पर सादगी की अपनी ही बात है पुराने भददे कपड़ों में भी वह कुछ अलग सी…
बदला खूब लिया उसने मुझसे मुड़ कर देख मुझे चली गई मुस्कुरा कर थोड़ा सा दिल का दर्द मुझे दे गई
ना कोशिश करो जलाने की पानी से दीए रोशन नहीं होते खामोश रहकर सुलझा लो सभी उलझने शोर से कभी मसले हल नहीं होते.
दिन की शुरुआत अंगीठी के उठते धुएं से शुरू होती पकाती परिवार के लिए रोटी फिर भी सुने समाज की खरी-खोटी थक जाए कितना भी…
कैसे जिओगे अपनी जिंदगी रह गया हो जिंदगी का एक ही दिन अगर बड़ा प्यारा जवाब दिया आशिक ने मोहब्बत के सवाल पर मैंने तो…
वों पढ़ लेते हैं आंखों ही आंखों में मेरे दिल का हाल ना बता चाहूं उनको मुझ पर क्या बीता इस साल क्यों ना उनसे…
सावन कि बारिश का खूब फायदा उठाया मैंने बहा दिए पानी मे वो लम्हे जो थे मेरी यादों में और कश्ती बना कर तिरा दिए…
खो गया था मैं अपने आप में ही और तेरी याद में तड़पता रहा इतने सालों बाद तेरी गलियों में कदम रखा नाम लेकर तेरा…
जिंदगी की दौड़ में ना पहचान पाए अपने और अनजानो को क्या खाक तजुर्बा पचपन का जो पहचान ना पाए शैतानों में से इंसानों को.…
इस वक्त हवा मेरे खिलाफ है पर हौंसले मेरे बढ़ते रहेंगे मै कितना भी थक जाउ कदम मेरे वक्त के साथ मंजिल की सीढ़ियां चढ़ते…
कहते हैं वक्त के साथ हर जख्म भर जाता है पर वो जख्म कैसे भरे जो तुम हमें दे गए मांग लिया होता दिल अपने…
मैंने कहा मै इश्क में बर्बाद हो गई और मुझे ना चैन ना सुकून ना एतबार मिला मुकदमा मुझ पर इश्क की तरफ से चला…
बच निकलते हैं इश्क के चंगुल से जो लोग बेवफा होते हैं गिरते वही लोग मोहब्बत में जो इसकी गहराइयों से अनजान होते हैं कुछ…
एक आवाज आई हमें प्यार है तुम से खिंचा चला गया मैं वहां और होश मेरे थे गुम से. कुछ भी पूछो तो मुस्कान होठों…
हमें जुदा करने का फैसला वक़्त का था इसमें ना कसूर तेरा ना मेरा था पर तेरे गालो पे चमकते अश्कों मे अक्स क्यों क्यों…
एक बच्चा,अपने मन से कुछ बनना चाहता था पर मां-बाप की ही उस पर चलती रही. जैसा हम कहते हैं वैसा ही करो और उसकी…
डरना मना है उनका जो मैदान जीतने चल पड़े डटकर खड़े तूफानों में ना माथे पर कभी बल पड़े. दिए की लौ को क्या खौफ…
सावधान करती हूं कवियों को ना लेना पड़ जाए लिखने से जोग हवा झूठ की चल पड़ी है सच्चे शब्दों से रुठे हैं लोग. कितना…
कैसे बताएं दर्द का आलम क्या होता है लिखने के लिए कवी खुद को कितना नोचता है रचना शुरू होती है कलम की नोक से…
अपनी ही आजादी के आदी बन गए जाने हम क्यों बागी बन गए बेबसी की रस्सी पर लटक कर कई ख्वाब मेरे खुदकुशी कर गए.…
वह भी मुझे चाहती है यह सोच हम बेबाक हो गए प्यार में गिरते ही दुनिया की नजरों में नापाक हो गए मुस्कुरा कर उसने…
मेरी मासूम मोहब्बत को प्यार का तोहफा दे गए बदले मे बेचेनियाँ बेकरारियाँ दी और जन भी साथ ले गए
याद तुम्हे मै अब नहीं ऑंखें इंतजार की करती है भूल अब तो अश्कों पर भी मेरा बस नहीं आँसू गिरकर बन गए सूखी मिटटी…
ठोकर लगने पर भी आगे मैं बढ़ता जाऊंगा कैसा भी हो कामयाबी का रास्ता हर तरीके को अपनाउँगा जरूरत पड़ी तो खुद को मैं जलाऊंगा…
अगर मैं होती गरीब किसान की उपजाऊ भूमि बंजर होने पर जरूर दुत्कार दी जाती मैं होती कुमार के चाक मिट्टी उसी के दिए आकार…
अगर धर्मात्मा इतने ही हो तुम तुम्हें पूरा हिंदुस्तान दिलवाएँगे पर करनी होगी देश की सेवा हर गली में नारा लगवाएँगे तुम बस भड़काने वालों…
साथ जुड़े है उनके नाम राम के संग- संग बोलो जय हनुमान प्यार मे खोए है हनुमान जय हनुमान जय श्री राम पतित पावन सीता…
मैं हूं अपने परिवार का हिस्सा या फिर हूं बीते कल का किस्सा खुद को पानी की तरह हर आकार में ढाल दूँ अपनों के…
मुंह में राम बगल में छुरा लिए आते हो अपनी गंदी राजनीति से सबको लड़वाते हो क्या फर्क पड़ता है कि तुम हिंदू हो या…
इंतज़ार मे सब खड़े है जाने क्या निकलेगा अयोध्या की गहराई में. जैसे-जैसे खुदाई गहरी होती जाती है लोगों के दिल की धड़कन बढ़ती जाती…
एक बाग में था पेड़ हरियाणा विशालकाय, सुंदर, मतवाला बैठा हो जैसे साधना में तपस्वी कोई सम्पूर्ण, समृद विशाल हृदय वाला. जागृत हो जाता होते…
इतने सालो से अपने कंधो पे जिम्मेदारी माँ की ले रखी है माँ की तू बेटी है घर की तू तरक्की है अनपढ़ माँ की…
जब तू पालने मे खेलता था कई खिलोने तेरे सराहने रहते थे खुश होती तुझे देख- देख मेरे नन्हे हाथ तेरे सर को सहलाते रहते…
जीवन बहुत कठिन है गरीबो का आगे बढ़ना मुश्किल है शरीफों का सीखना जरुरी है जीवन के सलीखो का डटकर खंडन करती हूँ बेईमान तरीको…
हे अहोई अष्टमी माता अपने पुत्र के लिए मै करती हूँ तुमसे यही कामना रक्षा उसकी सदा करना मुश्किलों से हो जब भी उसका सामना…
पढ़कर रामायण का हिंदी अनुवाद पाखंडी भी खुदको विद्वान समझते है भड़काते लोगो को और कहते हम रामायण को पढ़ते है. रामायण का पाठ ही…
हिमालय ताज सर पर सजा डटकर खड़ा अम्बर में सटा स्थिरता जिसकी पहचान है ऐसा ही हर भारतीय का रुझान है क्योंकि इस देश का…
इस आजाद भारत में आज भी मेरी वही दशा है. छुआ – छूत का फंदा आज भी मेरे गले में यूहीं फंसा है. मै हूँ…
गुमान ना करना खुद पर घमंडी दुनिया में बहुत से देख लिए गुमान ना चट्टानों का रहा जिसने नदिया के आगे घुटने टेक दिए नदी…
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