बिट्टू की ब्लैक मेलिंग
बिट्टू लेता था आंखे मींचे,
मैंने सोचा सोया है वो।
मैंने एक सखी को फ़ोन लगाया,
सुबह पति से हुई लड़ाई का सारा वृतांत सुनाया ।
फोन रख के जब मैं पलटी,
बिट्टू मुझको घूर रहा था।
अरे , क्या हुआ तू तो सो रहा था।
बोला, पापा को सब बताऊंगा,
आंटी से क्या – क्या बोला है
सब उनको सुनाऊंगा ।
मैंने कहा, नहीं बेटा चुगली नहीं करते हैं।
तो आप क्या कर रही थी…….
तब से बिट्टू ख़ूब आइसक्रीम,चॉकलेट खाए जा रहा है।
और मेरी बचत के पैसे उड़ाए जा रहा है।
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद आपका ईशा जी 💐
सुन्दर प्रस्तुति
Thank you
हर रिश्ते का तार जुड़ा होता है ट्रांज़िस्टर की तरह
ट्यून बदलते हीं भाईस बदलते हैं। अतिसुंदर रचना शतप्रतिशत यथार्थ
बहुत सुंदर तरीके से आपने अपनी टिप्पणी की है भाई जी। बहुत बहुत धन्यवाद🙏
सुन्दर प्रस्तुति
धन्यवाद मोहन जी
बहुत खूब
सीखप्रद अभिव्यक्ति ।
उपदेश देने से पहले अमल जरूरी है
सीख और करनी में अभी भी दूरी है ।।
बिल्कुल सही जा रही हैं सुमन जी,यही संदेश देने के लिए ये रचना रची है। सही पकड़ी हो। कवयित्री की कल्पना की तह तक जाने,और उसकी मंशा समझने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया जी 🙏
बहुत खूब
गीता जी आपका लेखन ग्रेट है
बहुत बहुत धन्यवाद पीयूष जी. आपने कविता को एन्जॉय किया🙏
इसीलिए और रचना रचने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।
बहुत खूब
Thanks dear pragya Rani
हास्य रस से परिपूर्ण कविता का कथ्य आरंभ से अंत तक पाठक को बांधे रखने में सक्षम है। हास्य कविता के क्षेत्र में भी आप अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कर रही हैं। हास्य लिख पाना सरल नहीं होता है, लेकिन आपने जिस बेबाकी से लिखा है वह निश्चय ही काबिलेतारीफ है।
थैंक यू सर,आपने इसे समझा कि ये एक हास्य रचना है।मैने एक छोटी सी कोशिश की थी हास्य रचना के लिए किंतु मुझे बहुत मायूसी हुई , किसी ने भी इसे हास्य के रूप में नहीं अपनाया।मुझे लगा मेरा प्रयास विफल गया।
कुछ ने तो मुझे सीख तक दे डाली।अब ख़ुशी हो रही है कि आगे भी हास्य के लिए प्रयास कर सकती हूं। मैं तो माहौल को थोड़ा हल्का,फुल्का करना चाहती थीं बस।……
……
आपकी समीक्षा के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया।मेरी कविता के भावों को समझने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद एवम् आभार 🙏🙏
बहुत खूब, बहुत सुंदर
आपका बहुत बहुत धन्यवाद कमला जी 🙏
सीखप्रद अभिव्यक्ति
Thank you ji