बिना कलम मैं कौन ?
बिना कलम मैं कौन
क्या परिचय मेरा
कहां का रहवासी मैं
शायद कविता लिखने वाला
कवि था मैं
पर अब मै कौन
बिना कलम मैं कौन
कलम के सहारे
नन्ही नन्ही लकीरों से
रचता मैं इन्द्रजाल
सजते शब्द शर स्वतः
और कर देते हताहत
क्ष्रोता तन को
लेकिन अब रूठ गयी कलम मुझसे
नष्ट हो गए सारे शर
रिक्त हो गया मेरा तूणीर
विलीन हो गया रचित इन्द्रजाल
और मैं हो गया मायूस मौन
बिना कलम मैं कौन
लेकिन अब रूठ गयी कलम मुझसे
नष्ट हो गए सारे शर
रिक्त हो गया मेरा तूणीर
विलीन हो गया रचित इन्द्रजाल …………………Nice Dear Panna
thanks 🙂
सुन्दर रचना