माँ की आँचल
जब जन्नत की चाहत हो
माँ की आँचल में आ जना।
शाश्वत स्वर्ग सुखों को तुम
पल में आकर पा जाना।।
नंदनवन भी यहीं मिलेगा
यहीं मिलेगा इन्द्रासन।
बेशक मिट्टी के होंगे पर
ऐरावत होगा सुखासन।।
होगा अश्व उच्चैश्रवा
यद्यपि चाबी से चलने वाला।
अपने मन की गति रहेगी
न कोई वैरी छलने वाला।।
मधुर मनोरम गान भी होगा।
अमर सुधा का पान भी होगा।
सर्व सुलभ सुख छोड़ ‘विनयचंद ‘
दूर बहुत मत जाना ।।
माँ की आँचल में आ जाना।
माँ को मत विशराना.. माँ को नहीं भुलाना।।
Nice
,thanks
बहुत सुन्दर
तहे दिल से शुक्रिया
Ati sundar
बहुत बहुत धन्यवाद
Maa to maa hai
Ji han
माँ तो भगवान है