मित्रता
तुम एक बुत!
मैं संभावनाओं से भरा ताबूत।
नहीं इरादा तोड़ने का तुमको
नहीं इरादा हंसी छीनने का तुम्हारी।
बात बस इतनी सी है समझानी
मित्र के साथ परम मित्रता है
हमें निभानी।
तुम समझते हमें ,
अभिमानी !
बिना हमें जाने
ऐसा मन बनाना
सरासर नाइंसाफी ।
आंखों में है नमी
ढलक रहा पानी है।
तनाव की रेखाएं??
यह तो बेईमानी है।
चेहरे पर हंसी लाने की
हमने तो ठानी है।
कृष्ण सुदामा सी गहरी मित्रता पाने
यमुना जी में डूबकिया जो लगानी है।
निमिषा सिंघल
Nice
🌺🌺
Very nice
🌺🌺
Good
❤️❤️
Nice
🌺🌺
बहुत सुन्दर
धन्यवाद
सुन्दर
आभार