Categories: मुक्तक
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” मौत करती है रोज़ “
मौत करती है नए रोज़ बहाने कितने ए – अप्सरा ये देख यहाँ तेरे दीवाने कितने मुलाक़ात का इक भी पल नसीब ना हुआ…
मैं खुद को ना पहचान सकी..
‘मैं खुद को ना पहचान सकी, ऐसी दुनियाँ में धकेल दिया.. उसमें नफरत भी बेहद थी, तेज़ाब जो तुमने उड़ेल दिया.. तुमने जो छीनी है…
मुसाफिर अपनी राह
मुसाफिर अपनी राह से भटक रहा है मृग जाने किस चाह से भटक रहा है रहस्य दर्पण में नहीं आकृति में नहीं दर्पण किस गुनाह…
प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
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