मुझको बहुत नचाया
छलक- छलक आंखों ने
दिल का हाल जताया।
गीले-सूखे जज्बातों को
फिर आज जगाया।
दिल की धड़कन ने
मध्यम -मध्यम राग सुनाया।
मैं जिंदा हूं!
मुझको ऐसा एहसास कराया।
एक कप की प्याली ने… … ..
लम्हा याद दिलाया।
बुझाता बंद होता दिया….
जरा सा फिर चिरचिराया।
खट्टी -मीठी अमिया ने
फिर कुछ याद दिलाया।
उन्मुक्त हंसी का
फिर वह जमाना वापस आया ।
आंखों में बसी आंखों ने
इशारों पर जब नचाया।
दिल झूम उठा
फिर उसने मुझको बहुत नचाया।
निमिषा सिंघल
Sundar
❤️❤️
Nice
🙏🙏
Nice lines
🌺🌺
Good
🙏🙏
सुन्दर
💐
Wah
बहुत सुन्दर।