Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
हिन्दी गीत- सुना घर परिवार बिना |
हिन्दी गीत- सुना घर परिवार बिना | प्रिया प्रिय बिना देह हिय बिना | नीर क्षीर बिना भोजन खीर बिना | उत्सव उदास उपहार बिना…
सत्ता का खेल
कल भी वही दौर था, आज भी वही दौर है । पन्ने पलट लो, इतिहास गवाह बतौर है । तख्तो-ताज लूट गये । राजे-महराजे मिट…
अपनी धुन में मगन मजदूर
ठंड में ठिठुरता जाता है, कोई शिकवा भी ना कर पाता है उसका ना कोई ठौर-ठिकाना, दूजे का भवन बनाता है ठक-ठक, खट-खट की आवाजों…
गंगा बहती है जहाँ
गंगा बहती है जहाँ *************** रीषिमुनियो की तपोभूमि बसती हैं वहाँ सबसे पावन भूमि है मेरी गंगा बहती है जहाँ ।। हरदिन से जुड़ी एक…
🤔🙏🙏🙏🙏👌✍
क्या बात है आपकी लेखनी को प्रणाम
वाह, क्या ख़ूब लिखा है भाई जी।बेहद खूबसूरत प्रस्तुति ।
Very nice
बहुत सुंदर
बहुत उम्दा
वाह