मेरे दर्द

मेरे दर्द सिर्फ मेरे हैं

इन्हें अपनी आँखों का पता

क्यों दूँ

तरसे और बरसे

इन्हें अपने दर्दों से

वो लगाव क्यों दूँ

मेरा अंधापन मेरी आँखों को

चुभता है

पर अपने लिए फैसलों पर

इसे रोने क्यों दूँ

मेरे दर्द सिर्फ मेरे हैं

इन्हें अपनी आँखों का पता

क्यों दूँ

बहुत कुछ देखा

इन आँखों ने

अब ये भी थक गई हैं

चैन से जीने दूँ अब इनको भी

थोड़ा आराम

क्यों न दूँ

मेरे दर्द सिर्फ मेरे हैं

इन्हें अपनी आँखों का पता

क्यों दूँ….

अर्चना की रचना “सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास”

https://www.facebook.com/Saavan.in/photos/a.899919266721305/3023722441007633/?type=3&__xts__%5B0%5D=68.ARBqYvBz-AjsKiJzpvDzhFclFShu0mG5Srt2POx8L_bl3yC_J-vzt7H-vZqL822HdncHyBccYQTLbveEfBACHsKsoqrOuX-5b-NJlsedZvtdpiZntsSDERFWzTozEcxDwKstKb5CybylkMLYkmlVv28ZozbsJowVu8wVmNz6iwoEShz4YntVEsf-8UZeXjdgrqIDGmJf7NzFBDQBWsqPJ1_mBsXKLelX7_IuScMj3TPDSIj87rJJnHY7lm_3__WCD-tiUjr__GIfG9qv0wXTmI7ydpb1HfjIrBSPKWNW-oHjkcKd7lCAvliVZmTPLqf4E0zXd4f-NcZ27Bo-EXcSQvSwXQ&__tn__=-R

 

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

आज़ाद हिंद

सम्पूर्ण ब्रहमण्ड भीतर विराजत  ! अनेक खंड , चंद्रमा तरेगन  !! सूर्य व अनेक उपागम् , ! किंतु मुख्य नॅव खण्डो  !!   मे पृथ्वी…

Responses

+

New Report

Close