मेरे दर्द
मेरे दर्द सिर्फ मेरे हैं
इन्हें अपनी आँखों का पता
क्यों दूँ
तरसे और बरसे
इन्हें अपने दर्दों से
वो लगाव क्यों दूँ
मेरा अंधापन मेरी आँखों को
चुभता है
पर अपने लिए फैसलों पर
इसे रोने क्यों दूँ
मेरे दर्द सिर्फ मेरे हैं
इन्हें अपनी आँखों का पता
क्यों दूँ
बहुत कुछ देखा
इन आँखों ने
अब ये भी थक गई हैं
चैन से जीने दूँ अब इनको भी
थोड़ा आराम
क्यों न दूँ
मेरे दर्द सिर्फ मेरे हैं
इन्हें अपनी आँखों का पता
क्यों दूँ….
अर्चना की रचना “सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास”
मेरे दर्द सिर्फ मेरे हैंइन्हें अपनी आँखों का पताक्यों दूँRead Full Poem at Saavan – https://www.saavan.in/?p=35785
Posted by Saavan – सावन on Tuesday, April 28, 2020
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Pt, vinay shastri 'vinaychand' - April 27, 2020, 8:30 pm
Nice
Dhruv kumar - April 29, 2020, 10:01 am
Nyc
Archana Verma - April 29, 2020, 4:17 pm
Thank you all
Abhishek kumar - May 10, 2020, 10:24 pm
गुड