मेरे बापू गांधी जी
मेरे बापू गांधी
दयावान मृदु भाषी बापू का स्वभाव था
सत्य अहिंसा मेरे बापू का हथियार था
राष्ट्रवादी शांतिप्रिय बापू का उपदेश था
हिंदुस्तान के मर्यादा का बापू को ज्ञान था
गर्व था देशवासियों को बापू के हुंकार पर
ऐंनक पहने लाठी लेकर देश को आजाद किया
खट् खट् की आवाज में बापू का प्यारा संदेश था
चरखे के बल पर बापू ने रचा स्वर्णीम इतिहास था
गोरों को औकात दिखाया उनके ही चालो में
राष्ट्रहित में ध्वजा फहराकर देश का मान बढ़ाया
बापू के पीछे पीछे हिन्द सेना जब चलती थी
गोरों कि फौज डरें सहमे छिपते फिरती थी
गोरों के अत्याचारों से गली मोहल्ला थर्राया था
बापू ने अपने आंदोलन से गोरों को पस्त किया था
गोरे शैतानों को उनके भाषा में सबक सिखाया
बापू के चरणों का मैं शीश झुका वन्दन करता हूं
महेश गुप्ता जौनपुरी
वाह
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय श्री
Nice
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय श्री
Nice
बहुत बहुत धन्यवाद
Very nice poem gandhi
बहुत बहुत धन्यवाद
Good poem Mahesh jaunpuri
बहुत बहुत धन्यवाद
Nice
बहुत बहुत धन्यवाद
Gandhi is great and national father
बहुत बहुत धन्यवाद
Nice poetry
Thanks
very nice poetry
बहुत बहुत धन्यवाद
Nice..
धन्यवाद
बहुत अच्छा
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय श्री
Bahut khoob
बहुत बहुत धन्यवाद
Very good poem Gandhi
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय श्री
वाह बहुत बढ़िया प्रस्तुति
बहुत बहुत धन्यवाद
क्या बात है बहूत सुंदर जी
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय
Nice poem
Very nice poem god bless you
Very Nice