मैं अपनी मर्जी से नहीं आया था

बाबा साहेब की १२५ जंयती पर शुभकामनाएं
मैं अपनी मर्जी से नहीं आया था
न उनकी मर्जी से जाऊंगा।
युग-युग तक सांसे चलेंगी अब,
मैं विचारों में जिवित रह जाऊंगा।
गर आ जाए मृत्यु सम्मुख मेरे
मैं तनिक नहीं घबराऊंगा।
किताबों की गठरी खोल,
यमदुतों को पढ़ाऊंगा।
ओमप्रकाश चंदेल”अवसर”
रानीतराई पाटन दुर्ग छत्तीसगढ़
7693919758
behatreen!
धन्यवाद
NICE!!
धन्यवाद आपका
Good
वाह बहुत सुंदर