मैं तुमको भूल जाऊंगा
पुरानी डायरियों से-
**मैं तुमको भूल जाऊंगा**
मेरी आंखों को ढलने दो मैं तुमको भूल जाऊंगा,
मेरी सांसें निकलने दो मैं तुमको भूल जाऊंगा l
जमीं है एक मुद्दत से ज़ेहन में बर्फ यादों की,
ज़रा इसको पिघलने दो मैं तुमको भूल जाऊंगा l
अभी भी रौशनी आती है रह-रह कर मेरे घर से,
इसे पूरा तो जलने दो मैं तुमको भूल जाऊंगा l
बियाबां हो गया है दिल तुम्हारे छोड़ जाने से,
कोई ख्वाहिश तो पलने दो मैं तुमको भूल जाऊंगा l
लगी थी इक दफ़ा ठोकर मैं अब तक उठ ना पाया हूं,
ज़रा मुझको सम्भलने दो मैं तुमको भूल जाऊंगा l
बदलकर ही कभी खुद को मुझे तुमने भुलाया था,
ज़रा मुझको बदलने दो मैं तुमको भूल जाऊंगा l
मैं “सागर” हूं मेरे अन्दर कई तूफ़ान उठते हैं,
मुझे यूं ही उबलने दो मैं तुमको भूल जाऊंगा ll
12/08/2012
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-Er Anand Sagar Pandey
Bahut khoob sagar ji
तह-ए-दिल से शुक्रिया श्रीधर जी l
कैसे हैं आप ??
बहुत खूब लिखा है आपने… वाकई काबिल-ए- तारीफ़.