Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: शायरी

UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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मिटा कर मुझको मिटेंगी बेचैनीयाँ
खयाल उनका आए तो बेचैनीयाँ ना आयें जो खयाल तो बेचैनीयाँ या रब यह कैसा मर्ज दिया तूने मिटा कर मुझको मिटेंगी बेचैनीयाँ ………
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
Aurat ki gehan
#एक_लड़की_से_मैने_पुछा:- तुमने यह Artificial Ear #Rings_Locket_aur_Ring क्यों पहनी है। तुम्हारे Branded 👌🥼👕कपड़ो से तो तुम गरीब नहीं लग रही। #लड़की_बोली:- आज कल #असली गहने पहनने…
क़लम बिना बैचैन
कलम चलाए बगैर चैन कहां! आंखों के समंदर को स्याही में घोलकर उड़ेले बिना चैन कहां! दफन जज्बातों को उधेड़े बिना चैन कहां! आतिश ए…
गहने है यह सब अनमोल
सिसकियां साँसें दिल चाहतें इंतज़ार बेकरारीयाँ मुस्कराहटें गहने है यह सब अनमोल मिल जाए कभी भी कही भी संभाल लीजियेगा, ख़ोयिएगा नही हां इकठे कभी…
sahi pahchaan ki he aapne 🙂
🙂 🙂 🙂
बहुत सुंदर
Nice thought