याद आती हैं बेटियां

छोड़ बाबुल का घर,
जब चली जाती हैं बेटियां
सभी त्यौहार लगते हैं सूने,
बहुत याद आती हैं बेटियां
दिवाली के हर दीप में,
मुस्कुराती हैं बेटियां
होली के हर रंग में,
खिलखिलाती हैं बेटियां
खुशी दमकती है चेहरों पर,
जब मिलने आती हैं बेटियां
ये दर्द और खुशी वो क्या जानें,
जिनके घरों में नहीं होती हैं बेटियां

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Responses

  1. बेटियां खुशियां हैं, बेटियों की महत्ता पर प्रकाश डालती हुई सुन्दर पंक्तियाँ आपकी लेखनी की मजबूती को प्रदर्शित कर रही हैं.

  2. बेटियों के प्रति प्रेम भावना एवं समाज में उनके महत्व को दिखाती हुई, बेहतरीन रचना।

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