याद आती हैं बेटियां
छोड़ बाबुल का घर,
जब चली जाती हैं बेटियां
सभी त्यौहार लगते हैं सूने,
बहुत याद आती हैं बेटियां
दिवाली के हर दीप में,
मुस्कुराती हैं बेटियां
होली के हर रंग में,
खिलखिलाती हैं बेटियां
खुशी दमकती है चेहरों पर,
जब मिलने आती हैं बेटियां
ये दर्द और खुशी वो क्या जानें,
जिनके घरों में नहीं होती हैं बेटियां
यथार्थ व भावपूर्ण चित्रण अतिसुंदर
आभार सहित धन्यवाद🙏
बेटियां खुशियां हैं, बेटियों की महत्ता पर प्रकाश डालती हुई सुन्दर पंक्तियाँ आपकी लेखनी की मजबूती को प्रदर्शित कर रही हैं.
आपकी सुंदर समीक्षा के लिए आभार सहित धन्यवाद 🙏
बेटियों के प्रति प्रेम भावना एवं समाज में उनके महत्व को दिखाती हुई, बेहतरीन रचना।
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
बेटी के प्रति रचना बहुत ही सुन्दर है।
बहुत बहुत धन्यवाद 🙏
बहुत सुंदर रचना और सुंदर भाव
बहुत बहुत धन्यवाद प्रिया जी
Heart touching
Thank you mam 🙏
बहुत बहुत धन्यवाद प्रिया जी 🙏
बेटियों पर उत्तम रचना
Nice
Thanks for your pricious complement
Very nice
Thank you so much Piyush ji 🙏