रंग गुलाल
रंग गुलाल के बादल छाये
रंगो में सब लोग नहाये
देवर भाभी जीजा साली
करें ठिठोली खेलें होली
बोले होली है भई होली
खायें गुजिया और मिठाई
घुटे भांग और पिये ठंडाई
गले मिलें जैसे सब भाई
भांति भांति के रंग लुभावन
प्रेम का रंग सबसे मन भावन
प्रेम के रंग में सब रंग जाएँ
जीवन को खुशहाल बनाएँ
उ
खेलें सभी प्रेम से होली
बोलें सभी स्नेह की बोली
मिलें गले बन के हमजोली
ऐसी है अनुपम ये होली
Happy holi sir aapko in advance…Nice Poem
Thanks sir ji
nice
thanks
nice
Thanks
Good
Nice one
बहुत सुंदर रचना