Categories: शेर-ओ-शायरी
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
साजन
तुझको ही बस तुझको सोचू इतना तो कर सकती हूँ,,,,,,,,, तेरे ग़म को अपना समझू इतना तो कर सकती हूँ ।।।।।।।।।। मुझको क्या मालूम मुहब्बत…
कैसे होते हैं……!
कैसे होते हैं……! ——————————— कोई पहचान वाले अनजान कैसे होते हैं जानबूझ कर कोई नादान कैसे होते हैं बदलता है मौसम वक़्त और’लम्हें सुना हेै–…
तिरंगा
हमारा आन तिरंगा है, हमारा बान तिरंगा है। हमारा शान तिरंगा है, हमारा जान तिरंगा है।। हमारा धर्म तिरंगा है, हमारा कर्म तिरंगा है। हमारा…
वक्त हमारा है
हर ओर उम्मीदें हैं, हर ओर सहारा है। हम बदलेंगें दुनिया को, वक्त हमारा है।। थपेड़े सह लेगें, लहरों से लड़ लेंगे। समन्दर हमारा है,…
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