वसंती कुदरत
खेतों में है फूली सरसों
धनिया महके गम गम।
बाग बगीचे सजे हुए हैं
रंगीले पुष्पों से हरदम।।
धरती को रंग डाला
कुदरत ने रंगों से।
हमने भी अंबर को रंगा
रंग विरंगे पतंगों से।।
निर्मल बुद्धि श्वेत रंग को
काम रंग रंग डाला।
सकाम ज्ञान पथ का पथिक
विनयचंद मतवाला।।
Nice
Happy basant panchami
वाह बहुत सुंदर
सुन्दर अभिव्यक्ति
Nice
Good