“वक़्त तो लगता है !!”
मोहब्बत से नफरत तक आने में, वक़्त तो लगता है;
जागती आँखों को सुलाने में वक़्त तो लगता है!!
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इतनी जल्दी कहाँ से सीखा, तुमने रक़ीबों-सा हुनर;
अपने महबूब को रुलाने में, वक़्त तो लगता है !!
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अब ऐसी भी क्या जल्दी थी, हमसे दूर जाने की;
और जा ही चुके हो, तो भुलाने में वक़्त तो लगता है!!
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हम भी वक़्त दे रहे हैं सबको, आस्तीनों से निकलने का;
अभी तो ख़ुद से रूठे हैं, मनाने में वक़्त तोलगता है!!………#अक्स
Waqt to lagata he….bahut khoob
beshaq bhai……shukriya bhai….:)
nice…beautiful poem ankit 🙂
thanks a ton……….!! 🙂
Nice one 🙂
thank uuu:)
वक़्त तो लगता हैँ , सही फ़रमाया आप ने .
बहुत-२ शुक्रिया भाई…… 🙂
too nice
thank uuu Sachin bhai 🙂
बहुत ही उम्दा
Waah waah